प्रेम प्रतीक्षा ©दीप्ति सिंह
कोरी-कोरी सी कल्पना । आधी अनुरागी अल्पना । हे प्रियतम प्रेम प्रतीक्षा में... सम्प्रेषित यह संवेदना । व्याकुल मन में व्याधि बाधा । अंतरमन अनुपस्थित आधा । तुम बिन अपूर्णता जीवन में... सम्पूर्ण नहीं यह चेतना । हे प्रियतम प्रेम प्रतीक्षा में... सम्प्रेषित यह संवेदना । सान्निध्य रहा संघर्ष सदा । संलग्न वियोगी वर्ष सदा । कर आलोकित मन प्राण दीया... सम्पूर्ण समर्पित साधना । हे प्रियतम प्रेम प्रतीक्षा में... सम्प्रेषित यह संवेदना । © दीप्ति सिंह "दीया"