राही तू चलता जा ©सम्प्रीति
तू चलता जा तू चलता जा,
एक पल भी ना तू राह में रुक,
रुका है तो थकान मिटा,
रुक कर तू पीछे ना मुड़,
मुड़ा है तो वापस ना लौट,
कदमों को मोड़ मंजिल तक जा,
वापस जो तू जाएगा
खाली हाथ ही रह जाएगा,
लौट के बुद्धु घर को आए
कहावत गलत ठहराएगा,
घर तुझे कोई ना मिले,
अकेला तू रह जाएगा,
मेहनत जो तू ना कर पाए,
पेट अपना तक ना पाल पाए,
ख्वाहिशों की जो झड़ी लगाए,
सर उनके आगे झुकाएगा,
मेहनत जो तू ना कर पाए,
बेरोज़गार ही रह जाएगा,
लोगों को ताक ताक कर
जीवन अपना बिताएगा,
हर अपने से दूर होकर
तू तिल-तिल मरता जाएगा,
यथासंभव धरती का बोझ एक दिन जरूर कम कर जाएगा!
-© सम्प्रीति
वाह्ह्हह्ह्ह्ह बेहतरीन 💐
जवाब देंहटाएंवाहहहह
जवाब देंहटाएंAati Sundar 👌👌
जवाब देंहटाएंसार्थक सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर 👏👏👏🌹🌹
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन🙏👏👏
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