आशिक ©विपिन बहार
दुनिया कहती... पागल मुझको । वो कहती... आवारा है तू । चाहत कहती... मरना है अब । आदत कहती .. भोला न बन । करवट माँगे.. उसका साया । नींदें माँगे.. उसका सपना । धूप माँगे ... उसकी छाया । आँखे माँगे .. उसका तराना । जीवन माँगे .. उसका होना । बेचैनी बोले .. सिगरेट पियो । तारे बोले .. तन्हा है तू । राते बोले.. भूली-बिसरी । मौसम बोले.. रूखा है तू । चाहत कहती आशिक है तू । आसूँ कहते आशिक़ है तू सारे कहते आशिक है तू मिलकर कहते आशिक है तू चारो तरफ से आशिक है तू कैसी आवाजे आशिक है तू हद है यार आशिक है तू चुप हो जाओ आशिक है तू .. आशिक है तू आशिक है तू आशिक है तू © विपिन"बहार"