अक्सर भूल जाते हैं ©दीप्ति सिंह

 वज़्न- 1222 1222 1222 1222


अजी हम भी सुख़नवर हैं... ये अक्सर भूल जाते हैं । 

लिखे अल्फ़ाज़ दिल पर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


हमीं नें क़ैद रक्खा है...ज़हन में याद को अपनी,

अजी यादें भी नश़्तर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


ख़ताएँ याद कर अपनी...ये दिल नाशाद रहता है, 

मगर हालात बेहतर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


भले ही उम्र ढल जाए...मगर बचपन नहीं जाता,

हज़ारों ख़्वाब भीतर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


हमें इंसान ही रहने... दिया जाए तो बेहतर हो,

जो ख़ुश देवी बनाकर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


हज़ारों ख़्वाहिशें औरत... दफ़न करती है सीने में,

के उसके हक़ बराबर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


मुहब्बत है अगर दिल में ...तो इज़्जत हो निगाहों में, 

जो ख़ुश रिश्ते निभाकर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


हमारे चैन की ख़ातिर... सुक़ूँ मिलता नहीं जिनको,

खड़े सरहद पे डटकर हैं... ये अक्सर भूल जाते हैं ।


मुनासिब तो नहीं होता...किसी को दर्द दे देना,

छुपे लफ़्ज़ों में ख़ंज़र हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


लगाते हैं बड़े ही शौक़...से इल्ज़ाम ग़ैरों पर,

नज़र उनकी भी हमपर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


अगर हो दूसरों का ग़म...तमाशा देखते हैं हम, 

मेरे भी काँच के घर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


शिक़ायत रोज़ करते हैं...जो हमको दर्द मिल जाए ,

परेशाँ और भी घर हैं... ये अक्सर भूल जाते हैं ।


भले तक़सीम मज़हब हैं...अलग तहज़ीब हैं सबकी,

बने इंसान मिलकर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


ज़रा सा ग़ौर फ़रमाएँ...उन्हे महसूस तो करिए,

वो रहते सबके अंदर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


बड़ा रुतबा नहीं होता...बड़ा क़िरदार होता है, 

बदलते पल में मंज़र हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं ।


सभी को मौत आएगी...मुकर्रर है ये पहले से,

चले जो इस सफ़र पर हैं, ये अक्सर भूल जाते हैं ।


बनाकर ख़ून को स्याही... है लिखती शायरी 'दीया',

जो हँसते शेर पढ़कर हैं... ये अक्सर भूल जाते हैं ।


©दीप्ति सिंह "दीया"

टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. हृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका आदरणीय 😊🙏🏼💐💐💐

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  2. बहुत बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल दीदी 🙏

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  3. कमाल के मिसरे... वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन आपका प्रशान्त जी 😊💐💐💐

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  4. बेहतरीन ग़ज़ल... 🌺🌺🌺🌺🌺👌👌👌👌👌😊😊😊😊😊

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  5. बहुत बहुत सुंदर ग़ज़ल maam 👌👌

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  6. उत्तर
    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सप्रेम अभिवादन आपका 😍🙏🏼💐💐💐

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  7. Bahut sundar gajal 😍👌🏻👌🏻👏🏻

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  8. बहुत खूबसूरत ग़ज़ल...

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  9. उफ्फ्फ 👌 👌 behtarin Dipti अजी यादें भी नश़्तर हैं...ये अक्सर भूल जाते हैं । kya baat ❤️

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सप्रेम अभिवादन आपका 😊🙏🏼💐💐💐💐

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  10. जय कुमार सिंह सुखनगर पूर्णिया5 मई 2022 को 4:13 pm बजे

    एक अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं और आशीर्वाद!

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  11. हृदय तल से आभार एवं सादर प्रणाम पापा 😊🙏🏼💐💐💐💐

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    1. हृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका 😊🙏🏼💐💐💐💐

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  13. बेहद खूबसूरत और उम्दा ग़ज़ल डियर

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सप्रेम अभिवादन आपका डियर 😊💐💐💐💐

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    2. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन डियर 😊💐💐💐💐

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    3. बहुत ही सुन्दर रचना दीदी 🙏🙏🙏

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    4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    5. बहुत-बहुत शुक्रिया डियर 😊💐💐💐💐

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  14. क्या गजल है मैंम..हर शेर लाजवाब💐💐💐💐💐💐

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  15. जितनी प्यारी ग़ज़ल है उतनी ही प्यारी लय भी है इसकी 💙💙💙💙 बहुत बहुत बधाई दीदी

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन प्यारी हेमा😊💐💐💐💐

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  16. आपकी ग़ज़लें हमेशा अच्छी होती हैं दीदी। बहुत अच्छा लगा पढ़ कर।😊

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन आपका प्यारे भाई 😊💐💐💐

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  17. बेहद खूबसूरत उम्दा और संजीदा गजल डियर💐🌸🌸🌸🌸🌸💐💐💐💐💐

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