प्रतीक्षा ©सौम्या शर्मा
वर्षों की प्रेम प्रतीक्षा का! तुम देना यह उपहार प्रिये! जब संगम की वेला आए! करना मुझको स्वीकार प्रिये! मेरा तप कठिन उर्मिला सा! लक्ष्मण से तुम हो व्रती प्रिये! संघर्ष हमारा चिरकालिक! है कठिन हमारी नियति प्रिये! फिर भी जब सुख के पल आएं! तुम करना अंगीकार प्रिये! स्वप्नों की स्वर्णिम शैया पर! बस करना मृदुल विहार प्रिये! वर्षों की प्रेम प्रतीक्षा का! तुम देना यह उपहार प्रिये! जब संगम की वेला आए! करना मुझको स्वीकार प्रिये ©सौम्या शर्मा