वह मेरे प्रिय रंग में रंग रही हैं ©तुषार पाठक

 जब से उसे यह मालूम हुआ कि मुझे लाल रंग बेहद पसंद है तब से वह मेरा लहू बन गयी है l

अक्सर उसके होठ गुलाबी रहते थे, आज कल उसके होंठ सिर्फ़ लाल ही नज़र आते हैं। 

वह अकसर महीनों में एक बार लाल रंग की साड़ी पहनती थी, अब वही हर रोज़ लाल रंग के कपड़े मे नज़र आ जाती हैं। 

जो लड़की हाथों पर मेहंदी लगने के बाद भूरे रंग के इंतज़ार में रहती थी, अब वही लड़की मेहंदी के रंग के लाल होने का इंतज़ार कर रही हैं। 

जो पहले कभी बहुत नीले शांत सरोवर की तरह थी, अब वही लड़की लाल अंगार की तरह हैं! 

जो कभी कलाई घड़ी पहन कर बाहर घूमने निकलती थी अब वही लड़की कलाई पर लाल रंग का धागा बांधती है। 

जो लड़की  होली में हर रंग में रंग जाती थी, अब वही लड़की केवल लाल रंग में खूबसूरत दिखना चाहती हैं। 

जो लड़की जो सिर्फ़ सफ़ेद रसगुल्ले खाती थी उसे अब लाल -लाल जलेबियाँ पसंद आने लगी हैँ । 

हाँ सच में वह लड़की मेरे प्रिय लाल रंग में रंग रही है।


©तुषार पाठक

टिप्पणियाँ

  1. पूरा माहौल लाल कर दिया है 🌹🌹

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