भारत का सत्य ©सौम्या शर्मा

सत्य सनातन परम्परा का वाहक भारतवर्ष रहा l

शाश्वत परिपाटी पर होता नव जीवन उत्कर्ष रहा ll


इस धरती ने दंश सहे हैं,तीव्र हृदय आघात सहे l

गहरे घाव बदन पर लिए अहिंसा क़े संदेश कहे ll


भारत हारा नहीं वैश्विक नित नूतन छल-छंदों से!

हारा है तो मीर जाफरों से घर के जयचन्दों से!!


इस धरती ने ज्ञान दिया,वीरत्व सदा सिखलाया है l

इस माँ ने चाणक्य,बुद्ध,बेटा प्रताप सा पाया है ll


कोटि-कोटि है नमन धरा की पावन चंदन माटी को!

चंदन सम पावन रज,सौ प्रणाम हैँ हल्दी घाटी को l


हमने कर विश्वास और विश्वासघात प्रतिफल पाया!

फिरभी छल-पाखंड हमारे शोणित मध्य नहीं आया ll


गौरवमय इतिहास हमारा,प्रतिपल साहस देता है l

सुखद भविष्य सूर्य उदयाचल से यह ढाढ़स देता है ll


यह उदारता है दुश्मन को भी हम गले लगाते हैँ l

किन्तु कुटिलता घाव पीठ पर विष बदले में पाते हैँ ll



~  ©सौम्या शर्मा


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