उनवान- हूँ हमेशा साथ तेरे ©गुंजित जैन
रोशनी हर, राह भूले,
ज़िंदगी भी चाह भूले,
थोड़ा हिस्सा टूटता हो,
कुछ बिखर के छूटता हो,
गुम कहीं हो जब उजाले,
काटने दौड़े अँधेरे,
फिर भी घबराना नहीं तू,
हूँ हमेशा, साथ तेरे।
अश्क़ का सैलाब आए,
तेरी खुशियाँ जो बहाए,
हर हँसी भी बंद सी हो,
मुस्कुराहट, मंद सी हो,
रात में रोते हुए जब,
गाल पर बन जाएँ घेरे,
फिर भी घबराना नहीं तू,
हूँ हमेशा, साथ तेरे।
ज़िन्दगी हर पल में अखरे,
तू सिमटकर, फिर से बिखरे,
ख़ुद लगे, ख़ुदसे मुकरने,
हर दफ़ा लग जाए डरने,
आसमाँ भी छत नहीं दे,
और दुनिया मुँह को फेरे,
फिर भी घबराना नहीं तू,
हूँ हमेशा, साथ तेरे।
दर्द की रातें सताएँ,
मुश्किलें बढ़ती ही जाएँ
चाँदनी फ़ीकी दिखेगी,
ग़म की चादर ही रहेगी,
शाम बिलखे, दिन भी रोए,
बस दिखे काले सवेरे,
फिर भी घबराना नहीं तू,
हूँ हमेशा, साथ तेरे।
©गुंजित जैन
बहुत-बहुत सुंदर मनहर हृदय स्पर्शी सार्थक सृजन ❤️❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंसादर आभार🙏🙏
हटाएंबेहतरीन nzm💐💐
जवाब देंहटाएंBeautiful
जवाब देंहटाएंसादर आभार🙏🙏
हटाएंबहुत सुन्दर नज़्म भाई👌👌
जवाब देंहटाएंसादर आभार🙏🙏
हटाएंआशावादी भावों की बेहद खूबसूरत नज़्म 💐💐💐
जवाब देंहटाएंसादर आभार🙏🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत नज़्म बेटा ❤❤❤🌺🌺🌺
जवाब देंहटाएंसादर आभार🙏
हटाएंसादर आभार लेखनी परिवार🙏
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर नज़्म 🙏🙏
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