कर्म ©प्रशान्त

 ढह जाता है जब रेणु-भवन , आधार बचा रह जाता है l


नित दिनकर तम हरने आए , रजनीचर शीतल कर जाए l

नव पल्लव, पुष्प सुगंध भरे , खग कलरव नित उर हरषाए l

निष्प्राण-पवन परिमार्जित हो, नित श्वाँस सुधारस बन जाती, 

भोजन नित शान्त बुभुक्षा कर , नव ऊर्जा अन्तर भर जाए l


है शाश्वत चक्र समय का ज्यों, त्यों सत्य, अटल है नश्वरता, 

मिल जाता है माटी में तन , संसार बचा रह जाता है l

ढह जाता है जब रेणु-भवन , आधार बचा रह जाता है l


उल्लेख नहीं होता जिसका, वह लेख नियति नित लिख लेती l

मानव संचय करता रहता , यह व्यय का कारण दे देती l

धन-धान्य तथा यश-अपयश सब, विधि के कर की कठपुतली हैं, 

भव सागर पार तभी होता जब कर्म-तरणि नर को खेती l


कर्मठता फल तब ही देगी , जब मानव धर्म निभाएगा , 

जीवन-पय मंथन से उपजा दधिसार बचा रह जाता है l

ढह जाता है जब रेणु-भवन , आधार बचा रह जाता है l


यह मानव देह अलौकिक है, मिट जाना ध्येय नहीं इस का l

परिवार गठन, एकाकीपन, ऐसा मर्दित तन-मन किसका ? 

चिरकाल वही जीवित रहता, जिसने सत्कार कमाए हों, 

परहित हित जो निस्वार्थ जिए , सम्मान करे नर-कुल जिसका l


व्यवहार सदा तय करते हैं, पशु नर-सम या नर पशु-सम है, 

आचार पतित हो जाने पर, उद्धार बचा रह जाता है l

ढह जाता है जब रेणु-भवन , आधार बचा रह जाता है l


~ ©प्रशांत

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत उत्कृष्ट एवं प्रेरणादायक छंद बद्ध गीत सृजन 💐💐💐💐

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  2. अद्भुत सृजन
    रचनाकार को मेरा नमन

    जवाब देंहटाएं
  3. आचार पतित हो जाने पर, उद्धार बचा रह जाता है....
    उत्तम शब्द संकलन, शिल्प, लयबद्धता, जितनी भी प्रशंसा की जाय कम होगी...
    अति सुंदर, सार्थक भावों का मनहर गीत, वाह्ह्हह्ह्ह्ह 💐

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  4. बहुत बहुत सुंदर गीत सरजी👌🙏🙏

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  5. अत्यंत उत्कृष्ट, अद्भुत गीत भाई जी।
    नमन 🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. एक-एक शब्द, एक-एक पंक्ति उत्कृष्ट भाई जी🙏 अद्भुत, अतुलनीय गीत

    जवाब देंहटाएं
  7. अतुलनीय अनुपम रचना भाईजी🙏

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  8. नमनीय सृजन भ्रातेश 👏👏🙏

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    उत्तर
    1. बहुत आभार व स्नेहाशीष सूर्यम जी.... 😊😊🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺

      हटाएं
  9. अत्यंत उत्कृष्ट शब्दों से सुसज्जित, सुंदर भावपूर्ण मनहर गीत 👏👏👏💐💐💐💐🙏🙏🙏

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  10. अद्भुत अनुपम अतुलनीय सृजन 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

    जवाब देंहटाएं

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