गीत - आत्मविश्वास जीवित रखो ©अंशुमान मिश्र

 उठो! आत्मविश्वास जीवित रखो..


समर्थक  विरोधी  बनें कल अगर,

लगे अति कठिन और दुर्गम डगर,

विदित हो! नगों  पर चढ़े हैं  बहुत..

मगर हैं बहुत कम, छुए जो शिखर!

हृदय बीच  उल्लास  जीवित रखो..


रहो  मत  निराशा व अवसाद में,

अहंकार  में...  मिथ्य  संवाद  में,

कि कोसो नहीं भाग्य को इस तरह..

परिश्रम  प्रथम,  भाग्य  है  बाद में!

बुझाओ नहीं.. प्यास जीवित रखो..


उठो! सूर्य से तुम लड़ाओ नयन,

निडर हो उड़ो, और छू लो गगन,

कि अवसर प्रतीक्षा करो यूं नहीं,

उठो और  अवसर बनाओ स्वयं..

बदलेंगे दिन, आस जीवित रखो,


उठो! आत्मविश्वास जीवित रखो..


                                   © अंशुमान मिश्र__

टिप्पणियाँ

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  2. अत्यधिक अद्भुत और प्रेरणादायक....👏🙏

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  3. वाह मेरे दोस्त , अत्यंत शानदार एवम प्रेरणादायक गीत

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  4. मनहर.... प्रेरणाप्रद सृजन ....वाह्हहहहहह

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