गीत - आत्मविश्वास जीवित रखो ©अंशुमान मिश्र
उठो! आत्मविश्वास जीवित रखो..
समर्थक विरोधी बनें कल अगर,
लगे अति कठिन और दुर्गम डगर,
विदित हो! नगों पर चढ़े हैं बहुत..
मगर हैं बहुत कम, छुए जो शिखर!
हृदय बीच उल्लास जीवित रखो..
रहो मत निराशा व अवसाद में,
अहंकार में... मिथ्य संवाद में,
कि कोसो नहीं भाग्य को इस तरह..
परिश्रम प्रथम, भाग्य है बाद में!
बुझाओ नहीं.. प्यास जीवित रखो..
उठो! सूर्य से तुम लड़ाओ नयन,
निडर हो उड़ो, और छू लो गगन,
कि अवसर प्रतीक्षा करो यूं नहीं,
उठो और अवसर बनाओ स्वयं..
बदलेंगे दिन, आस जीवित रखो,
उठो! आत्मविश्वास जीवित रखो..
© अंशुमान मिश्र__
अद्भुत गीत🙏🙏👏👏
जवाब देंहटाएंआभार ♥️
हटाएंसार्थक ओजपूर्ण रचना l 💐
जवाब देंहटाएंबहुत आभार सर
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंप्रेरणा दायक
जवाब देंहटाएंआभार दीदी
हटाएंअत्यधिक अद्भुत और प्रेरणादायक....👏🙏
जवाब देंहटाएंShukriya sooryam
हटाएंEncouraging song 💝
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंवाह मेरे दोस्त , अत्यंत शानदार एवम प्रेरणादायक गीत
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार भाई
हटाएंअति सुंदर एवं प्रेरणा दायक सृजन 💐
जवाब देंहटाएंआभार दीदी
हटाएंमनहर.... प्रेरणाप्रद सृजन ....वाह्हहहहहह
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रशांत भाई
हटाएंप्रेरणादायक रचना 👏👏👏🌹
जवाब देंहटाएंआभार दीदी
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंआभार दीदी
हटाएंKya baat Bhai 👌
जवाब देंहटाएंShukriya bhaiya
हटाएंBeautiful and Inspirational Song Very nice Bhai ❤️
जवाब देंहटाएंThanks Rajat Bhai
हटाएंBeautiful
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दीदी
हटाएंNyc
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया भाई जी
हटाएंवाह वाह
जवाब देंहटाएंबहुत आभार
हटाएं