माॅं दुर्गा ©सरोज गुप्ता
जय जय जय महिषासुर मर्दिनी
असुर विनाशिनी माता.....
नवराता नवरूप धरे माॅं
भक्तन की सुख दाता.....
पहला रूप शैलपुत्री माॅं
आदिशक्ति समरूपा,
पाप मिटा के मातु हमारे
स्वच्छ करो मन कूपा.....
दूजा रूप ब्रह्मचारिण माॅं
हाथ कमण्डल धारे,
मन उपजाये दिव्य भावना
तम हिरदय का हारे.....
तीजा रूप चंद्रघण्टा माॅं
रूप शाम्भवी धारी,
घन घन घन घण्टा जब बाजे
शत्रु हृदय हो भारी.....
चौथा रूप मातु कुष्माण्डा
तेज पुंज की धाती,
करके सृजन मात सृष्टी की
अतुलित जीवन दाती.....
पाॅंचवाॅं रूप मातु स्कंदा
शिवसुत गोद बिठाई,
मृत्यु अटल है एक सत्य यह
जीवन मरण बताई.....
छठवाॅं रूप मातु कात्यायनी
ऋषी सुता कहलायी,
जागृति आज्ञा चक्र जो धारी
ओज, शक्ति फलदायी.....
सातवाॅं रूप महाकाली माॅं
शुम्भ,निशुम्भ विदारी,
रक्तबीज का रक्तपान कर
वसुधा को माॅं तारी.....
आठवाॅं रूप महागौरी माॅं
गिरिजा रूप जो धारा,
घोर तपस्या से शिव पाई
फिर से मात दुबारा.....
नौवाॅं रूप सिद्धिदात्री माॅं
आसन कमल विराजे,
अष्टसिद्धि की दात्री मैया
शंख,चक्र कर साजे.....
हम अबोध नहीं ज्ञान हमें माॅं
सार अनन्त तुम्हारी,
कष्ट हरो हे मात भवानी
विनती करें तुम्हारी..
© सरोज गुप्ता
वाह । मातारानी के रूपों का सुंदर चित्रण।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका संजय जी 🙏🙏🌹
हटाएंजय जगदम्बे l🙏
जवाब देंहटाएंसादर आभार भाई 🙏🙏🌹
हटाएंजय अंबिका..🙏🚩
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏💐💐
हटाएंJai maa Jagdamba 🙏🙏
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏💐
हटाएंजय माता दी🙏🙏 अत्यंत उत्कृष्ट मैम, नमन
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏💐
हटाएंमाता रानी के सभी रूपों में अति सुंदर एवं मनहर स्तुति 🙏🏼🙏🏼💐💐
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏💐
हटाएंजय हो 🙏
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏💐
हटाएंबहुत ही सुंदर स्तुति 🙏🏻🙏🏻💐💐💐
जवाब देंहटाएं🙏🙏🌹
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