लेखनी ©संजीव शुक्ला

 शुभा प्रभा सुलेखनी, प्रबुद्ध वृन्द पेखनी l

विशुद्ध शब्द भाव की पुकार सार लेखनी ll

विशिष्ट नेह रूपणीं  सुभाषिनी सुहावनी l

सदा समुज्ज्वला छटा अमर्त्य दिव्य पावनी ll


समूल भाव वन्दिता... सुवर्णिता सुगंधिता l

विभिन्न शब्द, ताल, छंद युक्त रूप गर्विता ll

मणिक्य भिन्न-भिन्न एक सूत्र रत्न मेखला l

अभूतपूर्व एकता....... पवित्र नेह शृंखला  ll


विचार, ज्ञान पुंज कोष निर्विकार निर्मला l

 प्रवाह बिंदु संग ले समस्त शुद्ध अंचला  ll

अमर्त्य कामना, प्रणाम"रिक्त"कोटि वंदना l

नमामि लेखनी नमो समस्त लेखनी मना ll

©संजीव शुक्ला ' रिक़्त'



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