लेखनी ©संजीव शुक्ला
शुभा प्रभा सुलेखनी, प्रबुद्ध वृन्द पेखनी l
विशुद्ध शब्द भाव की पुकार सार लेखनी ll
विशिष्ट नेह रूपणीं सुभाषिनी सुहावनी l
सदा समुज्ज्वला छटा अमर्त्य दिव्य पावनी ll
समूल भाव वन्दिता... सुवर्णिता सुगंधिता l
विभिन्न शब्द, ताल, छंद युक्त रूप गर्विता ll
मणिक्य भिन्न-भिन्न एक सूत्र रत्न मेखला l
अभूतपूर्व एकता....... पवित्र नेह शृंखला ll
विचार, ज्ञान पुंज कोष निर्विकार निर्मला l
प्रवाह बिंदु संग ले समस्त शुद्ध अंचला ll
अमर्त्य कामना, प्रणाम"रिक्त"कोटि वंदना l
नमामि लेखनी नमो समस्त लेखनी मना ll
©संजीव शुक्ला ' रिक़्त'
Click Here For Watch In YouTube
Bahut sundar Sirji 👌👏👌🙏
जवाब देंहटाएंअति सुंदर 🙏🏼💐
जवाब देंहटाएंनमामि लेखनी 🙏🏼💐💐
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंBeautiful
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट सृजन.. नमन 🙏🙏🌹
जवाब देंहटाएंनमामि लेखनी🙏🙏नमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना लेखनी को मेरा नमन 👏🙏🙏
जवाब देंहटाएं