गजल ©सौम्या शर्मा
धड़कनें कुछ यूं सुनाया कीजिए!
नाम मेरा गुनगुनाया कीजिए!!
जिंदगी कम है गमों के वास्ते,
आप खुल के मुस्कुराया कीजिये,
नफरतों की उम्र छोटी है बहुत,
प्यार लेकर पेश आया कीजिए,
रूह को राहत मिलेगी,बस किसी,
रो रहे को चुप कराया कीजिए,
मंजिलें खुद रास्ता देंगी कभी,
हौसले भी आजमाया कीजिए,
उस खुदा को याद रखिए हर घड़ी,
वो भी इक रिश्ता निभाया कीजिये l
© सौम्या शर्मा
Bahut sundar ma'am 🙏👌🙏
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आपका भैया
हटाएंवाह-वाह क्या कहने लाजवाब गज़ल 💐💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आपका डियर ❤️🙏
हटाएंबहुत खूब 💐
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏😊
हटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद सर😊😇🙏
हटाएंबहुत बहुत सुंदर👏👏
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद भाई 🙏❤️
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