हमारा नववर्ष ©सूर्यम मिश्र

 जिसके मंगलमय होने का,

साक्षी प्रत्यक्ष दिवाकर है।

जिसकी शुभता का सत्‌प्रतीक,

यह धरा अमर, यह अंबर है।।


हम ही सदैव से श्रेष्ठ रहे,

यह सम्वत्सर इसका प्रमाण।

सप्तपञ्चाशत् संवत आगे, 

हो किया सृष्टि का विनिर्माण।।


वय द्वयसहस्त्रएकोनशीति में,

हो सुदीर्घ संस्कृति वितान।

मनु सम्मोहक कर वसुंधरा,

चूमें द्रुत गति से आसमान।।


नित रंग भरे नूतनता का,

वह विश्व चित्र का चित्रकार।

हो परिपूरित प्रतिएक लक्ष्य,

हो उन्नति पथ जग समाहार।।


नित ही आत्मा के गह्वर में,

उपजे शुचिता,आलोक शुद्ध।

हो शमन दनुजता का जग में,

हो दुर्विकार मनुसुत प्रबुद्ध।।


सत शांति समुज्ज्वलता प्रकर्ष,

जिससे हो तिमिरों का विकर्ष।

सुस्वागत हो इसका सहर्ष,

है यह हम सबका नवल वर्ष।।


©सूर्यम मिश्र 


आदि नववर्ष विक्रम संवत २०७९ की अनहद मंगलकामनाओं सहित,....🙏

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर मेरे भाई👌👌,
    आप सभी को हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएँ🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. हमेशा की तरह अद्भुत ❤️❤️
    शब्द भी कमाल के है एक एक

    जवाब देंहटाएं
  3. अत्यंत उत्कृष्ट एवं मनमोहक शुभकामना गीत 😍💐💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  4. नव वर्ष की अनंत शुभकामनाएँ....

    सुंदर शुभकामना संदेश.... ❤❤❤❤🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

    जवाब देंहटाएं
  5. अत्यंत उत्कृष्ट ओजपूर्ण सृजन 👏👏👏💐💐

    जवाब देंहटाएं

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