और क्या है ©शिवाँगी सहर

 कहा  है   जो   सही  है  और   क्या  है,

यहाँ   तेरी   कमी   है   और  क्या   है।


कोई   पूछे   तो   कह  देते   हैं  इतना,

वो  मेरी   ज़िंदगी   है   और  क्या   है।


यकीं करते हो जिन बातों को सुनकर,

सभी  कुछ  अनकही है और क्या  है।


अना   में   है  कोई   उसको   बताओ,

तुझे   बस  चाहती  है   और  क्या  है।


मोहब्बत  जो न  समझे उनसे  कहना,

महज़  एक   दोस्ती  है  और  क्या  है।


है  नाचे  जिसकी  धुन पर राधिका यूं,

किशन  की  बाँसुरी  है  और  क्या है।


समझ  कर  आग  जिससे भागते  हो,

सुनो   बस  रोशनी   है  और  क्या  है।


न   समझे  हाल  जो  अहबाब  कैसा,

यकीनन  अजनबी  है  और  क्या  है।


कभी  तो  शोर था  लहरों  में  उसकी,

बची  अब  ख़ामुशी  है  और  क्या  है।


©शिवाँगी सहर

टिप्पणियाँ

  1. Awwwsmmeee �� �� dushmanm����

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  2. बेहद खूबसूरत बेहद भावपूर्ण गज़ल 💐💐💐

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