हिंदुस्तान की ©सूर्यम मिश्र
साजिशों में कैद है अब आन हिंदुस्तान की
रोज कम अब हो रही है शान हिंदुस्तान की
खूँ नहाई बेटियाँ है क्या बताऊँ दास्ताँ ।
खत्म होती जा रही मुस्कान हिंदुस्तान की
ये गगन पूरा भरा है ,आज खूनी बाज से
इक कबूतर में बसी है जान हिंदुस्तान की
गाल पे गज़ले बनीं यूँ भाल तो है लापता
बस भुलाई जा रही अब तान हिंदुस्तान की
अब कि फूलों की जगह, काँटे हैं डेरे डाल के
हो रही कलियाँ हैं अब,बेजान हिंदुस्तान की
यूँ कलमकारों,कलम का सर,कलम होने न दो
है तुम्हारे हाथ अब पहचान हिंदुस्तान की
©सूर्यम मिश्र
वाह ग़ज़्ज़ब ...अद्भुत ❣️❣️❣️🙌
जवाब देंहटाएंआभार भ्राता श्री 😍💛🙏
हटाएंक्या कमाल ग़ज़ल हुई👏👏👏वाहहहहहह👏🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भैया...💛😊🙏
हटाएंअद्भुत गजल
जवाब देंहटाएंआभार 😍😊🙏
हटाएंNice line 👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंआभार 😍😊🙏
हटाएंKya baat h surya...atbut ..tumhare jaise yuva he desh ke liye sukhdayi h. Jarurai hai. Jai hind atbut. 👏👏👏
जवाब देंहटाएंखूब धन्यवाद 😍😊🙏
हटाएंवाह्ह्ह 💐
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद सर 😍😊🙏
हटाएंBahut khoob Bhai 👌🙏
जवाब देंहटाएंआभार भ्राता श्री 😍😊🙏
हटाएंवाह्ह मित्र गज़ब 👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मित्र 😍😊🙏
हटाएंवाह्ह मित्र गज़ब 👌👌👌👌
जवाब देंहटाएं❤💛🙏😍😊
हटाएंSuperb Bhai.......
जवाब देंहटाएंआभार मित्र 💛❤🙏
हटाएं👌👌👌👌👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएं❤💛🙏
हटाएं🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन मर्मस्पर्शी गज़ल 💐💐🇮🇳
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद मैम 😍😊🙏
हटाएंअप्रतिम! अद्भुत! हर बार की तरह
जवाब देंहटाएंखूब धन्यवाद विधि 😍😊🙏
हटाएंखूब धन्यवाद 😍😊🙏
जवाब देंहटाएंButh he khoobsurat Kavita hai
जवाब देंहटाएंआभार आपका 😊🙏
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