दर्द ... कैनवास ©रेखा खन्ना
मेरे दर्द को इतना भी सस्ता ना समझो की बयां करते ही रूह तक महसूस हो जाए।
गर महसूस करना ही है तो मेरे दर्द को कुछ लम्हें के लिए जी कर देखो।।
दर्द वो कैनवास है जिस पर रंगों का उतार चढ़ाव खुद-ब-खुद हो जाता है पर उन रंगों की परिभाषा को पढ़ लेना और समझ लेना हर किसी को नहीं आता है।
आँखों में छिपी वेदना को शायद पढ़ना आसान हो सकता है पर अगर दिल के दर्द को यां फिर आत्मा पर बंँधे हुए बोझ को एक तस्वीर में उतारा जाए तो क्या रंगों का चुनाव उस दुःख और दर्द को व्यक्त कर पाएगा जो मन को भीतर ही भीतर से चोट पहुंचा रहा है।
शायद हाँ और शायद नहीं भी क्योंकि रंगों के पीछे छिपे हुए उस एहसास को देखने और महसूस करने के लिए वो पारखी नजरें चाहिए जो तस्वीर के भीतर तक बैखौफ चली जाए उस अनमोल एहसास को खींच कर बाहर निकाल लाए।
दर्द वो कैनवास है जो विभिन्न रंगों का एहसास तो कराता है पर अक्सर देखने वालों की आँखों से अपने एहसास को फिर छिपा जाता है और देखनेवाला मात्र तस्वीर में बनी आकृति और खूबसूरत रंगों के चुनाव में ही खो कर रह जाता है।
कभी कभी लगता है जैसे कि दर्द शायद पारदर्शी है तभी तो दिखता नहीं, और ना ही वजूद रखता है बस देखते ही नजरें आर पार हो जाती हैं।
क्या दर्द देखा है किसी ने ? नहीं देखा नहीं होगा अल्बत्ता महसूस किया होगा। पर जब पकड़ ही नहीं सकते हाथों में तो क्या महसूस किया होगा, ये पकड़ते ही क्या हाँथों को भी जला देने की तासीर रखता होगा यां फिर हम सिर्फ कहने को ही कहते हैं कि , हाँ महसूस कर सकते हैं किसी के भी दर्द को।
©रेखा खन्ना
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जवाब देंहटाएंभावपूर्ण 💐💐
जवाब देंहटाएंJi shukriya apka
हटाएंबहुत उम्दा ma'am 🙏🙏
जवाब देंहटाएंJi shukriya apka
हटाएंबेहद गहरे भाव 👏👏👏💐💐💐
जवाब देंहटाएंShukriya apka
हटाएंअत्यंत संवेदनशील एवं भावपूर्ण 💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंबेहद भावपूर्ण मैम, 👏🙏
जवाब देंहटाएंShukriya apka
हटाएंWaah 👌👌
जवाब देंहटाएंShukriya
हटाएंबहुत भावपूर्ण
जवाब देंहटाएंShukriya apka
हटाएंअत्यंत भावपूर्ण🙏
जवाब देंहटाएंShukriya apka
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