ग़ज़ल ©गुंजित जैन

 दिलों की कहानी मुहब्बत,

हसीं ये बयानी मुहब्बत।


जहां में कहाँ पर दिखेगी,

मुक़म्मल सुहानी मुहब्बत।


रहेगा नहीं एक दिन कुछ,

यकीनन गँवानी मुहब्बत।


जहां भर के लोगों के दिल में ,

हमें है बचानी मुहब्बत।


बिखरकर कहीं आज फ़िर से,

हुई पानी-पानी मुहब्बत।


ग़ज़ल, शायरी से ही "गुंजित"

सभी को बतानी मुहब्बत।


© गुंजित जैन

टिप्पणियाँ

  1. बेहद खूबसूरत ग़ज़ल गुंजित💐💐

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  2. वाहहहह वाहहहह उम्दा ग़ज़ल। 🙏🍃

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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