शिव स्तुति ©दीप्ति सिंह

 भोले शिव शंकर का शृंगार निराला है 

गंगा है जटाओं में बाघम्बर डाला है

नंदी की सवारी है छवि अद्भुत न्यारी है 

जो ध्यान करे शिव का मन उसका शिवाला है 


शिव-शक्ति की जोड़ी भक्तों को प्यारी है 

इनके अंतर बसती ये सृष्टि सारी है

जो दर्शन पाता है वो भव तर जाता है 

शंभू की कृपा सारे संकट पर भारी है   


हे नीलकंठ आकर विष को धारण कीजै

 सृष्टि में साँसों का अब संचारण कीजै

बस तेरा सहारा है अब कौन हमारा है

भक्तों के कष्टों का अब तो तारण कीजै


                             @दीप्ति सिंह "दीया"

टिप्पणियाँ

  1. हर हर महादेव.
    अद्भुत रचना 😍

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  2. आप सभी का हृदयतल से धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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