हनुमान ©तुषार पाठक
राम के भक्त हो तुम,
तुम्हारे भक्त हैं हम।
तेरी कृपा से मेरा हर काम होता है।
दुनिया के सामने नहीं तेरे सामने झुकने से मेरा नाम होता है।
चुनौतियाँ परेशानियों में तेरे नाम लेने से सब भाग जाते हैं।
राम का नाम तुम्हें बेहद प्यारा है,
उनका नाम सुनते ही तुम्हे आनंद आता है,
जहाँ उनका कीर्तन चलता है,
वहाँ तुम खुद पहुँच जाते हो।
तुम राम लाला के प्यारे हो,
और सीता के दुलारे हो।
संतो को तुम प्यारे हो,
अंजनियो॔ के तुम दुलारे हो।
तुम राम की लम्बी आयु के लिए ख़ुद को लाल रंग से रंगते हो,
तुम्हारे दिल मे सिया राम साथ खुद सजते हैं।
तुमने सूर्य को फल समझ का खाया है,
यहाँ तक की शनि को भी उसकी साढ़े साती याद दिलाई है।
इसलिए तुम्हे नव ग्रह शीश झुकाते हैं।
©तुषार पाठक
अत्यंत मनोहारी सार्थक रचना🌹🌹🌹🌹
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना💐
जवाब देंहटाएंअति सुंदर एवं भावपूर्ण रचना 💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंवाह सुंदर रचना 💐
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