सम्पूर्णता ©रजनी सिंह
जैसे दो समानांतर रेखा आपस में कभी नहीं मिलती मगर साथ साथ चलती हैं ठीक उसी तरह हमदोनों के विचार हैं,,अलग अलग किन्तु साथ साथ। ऐसी मान्यता है की समानांतर रेखाएँ अनंत पर मिल जाती हैं तो किसी ना किसी छोर पर हमारे विश्वास और विचार एक होते होंगे l
जैसे दिन का रात से ना मिलना, मगर साँझ को देखने से प्रतीत होता है कि दिन और रात अपने अपने अस्तित्व को खोकर एक हो गए हों ,,एक होने और भिन्न होने में बस विचारों का खेल है,जैसे ही विचार समाप्त होते हैं ब्रह्म की प्राप्ति हो जाती है,,जहां न तुम होते हो ना हम होते हैं होता है तो केवल और केवल संपूर्ण सत्य l
©रजनी सिंह "अमि"
अत्यंत सुन्दर रचना 🍃🙏
जवाब देंहटाएंअध्यात्म, शाश्वत सत्य, ज्ञान का व्यवहारिक जीवन से संबंध स्थापित करती पंक्तियाँ 💐
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर रचना🙏🙏
जवाब देंहटाएंआध्यात्मिक पक्ष को समाहित किये हुए उत्कृष्ट एवं भावपूर्ण लेख 💐
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण व सुंदर लेख
जवाब देंहटाएंसम्पूर्ण सत्य🙏❤️✨ उत्कृष्ट
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