गीत - तुम बना दो ©सरोज गुप्ता
अधर की तेरे बनूँ जो मुरली
तो धुन प्रणय की कोई बना दो ।
मैं राधिका यदि बनूँ तुम्हारी,
स्वयं को घनश्याम तुम बना दो ।।
तेरे ही रंग में रंगी हूँ प्रियतम,
बनी हूँ श्यामा न जाने कब से ।
बना दूॅं निधिवन मैं ऑंगना जो
तो घर ये वृजधाम तुम बना दो ।।
रहूँगी संग में सदा तुम्हारे,
डगर भले हो कठिन कोई भी ।
रहूँ निछावर सिया सी बनके
स्वयं को श्री राम तुम बना दो ।।
©सरोज गुप्ता
खूबसूरत गीत 🙏
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका भाई 🙏🙏💐
हटाएंबहुत खूबसूरत गीत 💐💐
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका डियर 🙏🙏💐
हटाएंअति सुंदर एवं मनमोहक गीत सृजन 💐💐💐💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका डियर 🙏🙏💐
हटाएंमनहर, भावपूर्ण गीत... वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जवाब देंहटाएंस्नेहिल आभार बेटा ❤❤💐💐
हटाएंबहुत सुंदर गीत🙏
जवाब देंहटाएंस्नेहिल आभार बेटा ❤❤💐💐
हटाएंबहुत सुंदर गीत maam 👌👌
जवाब देंहटाएंवाहहहहह
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