बजरंग बली ©लवी द्विवेदी
जय कपीस जय वायु सुत जय आदिक अभिराम,
जय हनुमादिक रामप्रिय जय श्री कोटिहि काम।
मंगलमूरति राम को मानत पावन धाम,
जय बलवंतहि संतही जय जय जय प्रभु राम।
दुर्मिळ सवैया छंद
बजरंग बली जिन तेज प्रताप महामुनि भक्ति सुधारस जे,
मुख कंज ललाट अलौकिक जे दृग देह विशाल कपी सुत के।
प्रभु प्रीति प्रतीति जगी मन सो प्रभु बाल कथा तिंहु अर्पण हे,
सुमिरौं पुनि बारमबार प्रभू जिन हीय बसे प्रभु राम सिये।
सुत अंजनि कुंतल रूप रहे, प्रभु खेलत बेर कदम्बन में,
नित तोड़त थे मधु सस्य बली छिन हास्य रचे कपि आनन में।
सहमित्र सखा लिय नित्य प्रभू रज रोज उचारत द्वारन में,
चलि चाल मनोहर पैजनि जे छनकार रही लय नूतन में।
प्रभु एक दिवा उठि भोर परे नहि मातु दिखी गृह आँगन में,
प्रभु केर क्षुधा अति तीव्र भई पर मातु नही जिंह भोजन दे।
सहि जात न भूख महाबलि से फल खोजि रहे दुइ नैनन से,
कछु लाल दिखा हिय आस जगी अति सुंदर सस्य कहाँ अरु हे।
प्रभु कीन्ह विचार मिलै फल जो घनघोर क्षुधा कर त्रास मिटै,
सकुचात नही कपि केरि क्षुधा बस कन्द मिलै भवबंद्ध छुटै।
छण आँगन भीतर डोलि रहे सुत चंचल द्वंदहि बीच परै,
बस एक मनोरथ लै कपि श्री रवि नैनन नेह निहार रहै।
वह काज विराट विचित्र घना कपि जानत नाहि दिवाकर को,
हिय सोंचत जानत नाहि लला फल अम्बुज सूर्य सुधाकर को।
छवि लाल ललाट बसी हिय मा फल लागत कन्द कृपाकर को,
प्रभु केर विलास मनै मन में बढ़ि माँगत दिव्य प्रभाकर को।
सुधि लक्ष्य रही जिंह एक प्रभू चलि तीव्र गती कपि कारन ते,
कहुँ तेज उड़ान कहूँ गति मंद भरे जिंह देव निहारन ते।
जसि जात बढ़ात गती अपनी तहि दूर रवींद्र प्रवाहन ते,
हिय भूलत चाह नही प्रभु जी नहि मानत श्री कपि हारन ते।
बजरंग बली जुग जोड़ सहस्त्र प्रभू छिन योजन पार किये,
बढ़ि केसरि नंदन जात दिशी जह सूर्य ललाट प्रकाश लिये।
बलि देखि अचम्भित कौन महा, जिह सस्य प्रिये अरु आस हिये,
नहि दूसर जो फल छीन लए प्रभु राहु प्रहार विराट दिये।
जब राहु भए छतिग्रस्त अती तब भूपति द्वार विलाप करे,
नहि दूसर हा मह रोकत जे पर एकहि बाल हुँकार भरे।
वह काल जबै छह माहन ते, विधिना ग्रह काल सुजान परे,
फिर एक विचित्र कपी रह क्यों मह रोकत काल विधान हरे।
सुनि देवपती यह राहु व्यथा अति क्रुद्ध भए गय देखन को,
वह कौन प्रताप कपी अजया नहि मानत चक्र यथावत को।
पहुँचे जब तीर नही अरु को कपि बालक लागि पुरंदर को,
कह भूपति देव रहे वचना नहि मारुति मानत शासन को।
असि देखि विचित्र कपी जड़ता करि नेत्र ज्वलंतहि क्रुद्ध भए,
सुरराज नही सम देखि सके, कपि ओज दिवाकर तेज लए।
मुख जात दिवाकर को कपि के अति तेज पुरंदर भाँप गए,
वसु कीन्ह अकाटय वज्र प्रहार
बिना कछु जानि अघात दए।
प्रभु छोटहि रूप सहै न सके यह तीव्र प्रहार सुरेशहि के,
बड़ि तीव्र गती धरणी पर जा प्रभु आय अचेत गिरे भुइ पे।
जसि टूटि गई प्रभु ठुड्डिह ते भय मूर्छित औ नहि चेतन जे,
यह देखत लाल दशा जिहके तिह वायु पिता अति क्रुद्धहि भे।
गति रोकि प्रभंजन देहि पिता जहि वायु अती सो डरी विधिना,
चहुँ ओर दिशी घनघोर व्यथा अरु छाय गयो अँधियार घना।
सब देवहि दानव और पशू खग व्याकुल त्यागहि प्राण मना,
विधि की गति को वहि देय दिशा अनुरोध करे सब देव जना।
मिलि ब्रह्म स्वयं छिन दूर किये कपि केरि अचेत अकारन को,
अति शक्ति दई अरु सर्व प्रभा किहि कीरति दीन्ह निवारन को।
सब देव दिये तहि शस्त्र सुभा अरु मण्डित दिव्य प्रहारन को,
टुटि ठुड्डिहि नाम परो तब से हनुमंत उचारहि तारन को।
कपिश्रेष्ठ प्रभू जिनकी महिमा अति दीर्घ परस्पर प्रीतिपती,
जिह भक्ति प्रवाह कणै-कण में प्रभु नाम प्रवाह स्वमंदमती।
प्रभवे प्रभु वीर नमामि नमो कपि श्री भविता प्रभुता सुमती,
शुचये जय केसरिनंद नमो जय वायु कुमार विराटगती।
जय राम सुनाम कपीस हरे जय तारनहार तृषा तनया,
जय मंगल मूरति रूप महा जय कान्ति सुभा अनुभा अजया।
प्रभु पुण्य प्रकीरति पुंज पुहू परमेश्वर पालक प्रेममया,
जय कालहि काल कृपालुपती जय आदिक आद्य अमी अभया।
©लवी द्विवेदी
उत्कृष्ट सवैया छंद सृजन..... वाह्हहहहहहहहहह हहहहह अद्भुततम.... मनहर, भावपूर्ण...... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जवाब देंहटाएंसादर आभार भाई जी 🙏
हटाएंअद्भुत अदुत्ये रचना👌👌😍
जवाब देंहटाएंराम लखन जानकी जय बोलो हनुमान की🙏🙏
आभार भैया 🙏
हटाएंअनुपम, अद्वितीय, अभूतपूर्व, अतिरम्य, प्रणम्य 🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद भैया 🙏
हटाएंअत्यंत उत्कृष्ट सवैया छंद 💐💐💐💐💐🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जवाब देंहटाएंस्तुत्य सृजन 💐💐💐💐💐🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जय बजरंगबली 🙏🏼🙏🏼💐💐
बहुत आभार दीदी 🙏
हटाएंअद्भुत अद्वितीय सवैया छंद में श्री बजरंग बली की प्रणम्य स्तुति 🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंसादर आभार मैम 🙏
हटाएंजय बजरंगबलि👏👏👏
जवाब देंहटाएंअद्भुत छंद सृजन....शिल्प शैली के क्या कहने👏👏नमन देवी💐💐💐
सुंदर सवैया छंद 💐💐
जवाब देंहटाएंअत्यंत अद्भुत सेवैया छंद दीदी। पूर्ण दृश्य समक्ष आ गया। अद्भुत🙏नमन। जय बजरंग बली🙏
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन रचना 👌👌🤩
जवाब देंहटाएंजय श्री राम , जय हनुमान 🙏🙏
वाह अद्भुत कमाल लिखा लवी😍❤️
जवाब देंहटाएंजय बजरंग बली 🙏
ग़ज़ब बहुत बढ़िया 🙏🏻💐💐
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर सवैया छंद सृजन 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻💐💐💐💐💐💐
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