नव वर्ष का अभिनंदन ©सरोज गुप्ता

 नव पल में हम नव उमंग से

अभिनंदन नव वर्ष करें । 

नव विहान में नव स्वप्नों को 

पल्वित कर परिपूर्ण करें ।। 


नव युग का निर्माण करें हम

मन को नवचेतन बल दें, 

भूख, गरीबी, बेकारी को

दूर भगा नूतन कल दें,

भ्रष्टाचार मिटा करके हम

नव भारत निर्माण करें । 

नव विहान में नव स्वप्नों को

पल्वित कर परिपूर्ण करें ।। 


वो पल फिर आयेगा जब

सोने की चिड़िया फिर होगी, 

राजगुरु संग भगत सिंह

झाॅंसी की रानी फिर होगी,

जन्मभूमि के हित के खातिर

निज स्वार्थों का बलिदान करें । 

नव विहान में नव स्वप्नों को

पल्वित कर परिपूर्ण करें ।। 


जब हम स्वार्थ रहित होंगे

तब ही नव जागृति होगी,

नव रूप मिलेगा स्वप्नों को

नव पर, नव आकृति होगी, ( नव पर* नये पंख) 

प्रेम भाव के पुष्पों से

माँ भारत का श्रृंगार करें । 

नव विहान में नव स्वप्नों को

पल्वित कर परिपूर्ण करें ।। 


 ©सरोज गुप्ता

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर🙏 नववर्ष की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ग़ज़ल ©अंजलि

ग़ज़ल ©धीरज दवे

कविता- जीवित ©गुंजित जैन

कविता- सिया रूप ©ऋषभ दिव्येन्द्र