कुछ बातें ©शैव्या मिश्रा
चंद बातें कही नहीं जाती,
बिन कहे भी रही नहीं जाती l
कोरे काग़ज़ पे ये लिखीं नज़्मे...
हर किसी से पढ़ी नहीं जाती l
रोज़अखबार देख लेते हैँ..
क्या करें तिश्नगी नहीं जाती l
अब्र धरती पे बरस पड़ते हैँ..
दूरियाँ ज़ब सही नहीँ जाती l
पंख टकरा के बिखर जाते हैँ
अब उड़ाने भरी नही जाती l
©शैव्या मिश्रा
Bahut Sundar Didi 😍👌
जवाब देंहटाएंलाजवाब ग़ज़ल👌
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत गज़ल👌👌👌
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत गज़ल 👌👌👌👏👏👏
जवाब देंहटाएंBahut khub... Beautiful...🙏🙏👌
जवाब देंहटाएं👌🏼👌🏼👌🏼
जवाब देंहटाएंआप सभी का हृदयतल से धन्यवाद
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