आपदा-काल © सरोज गुप्ता

 दूर से रिश्ते निभाओ, कीमती है जिंदगी । 

पास सबके तुम न जाओ, कीमती है जिंदगी ।। 


जब जरूरी काम ना हो, घर से बाहर मत रहो । 

मास्क को मुँह पर लगाओ, कीमती है जिंदगी ।। 


भीड़ में जाओगे जो तुम, लाओगे घर आपदा । 

मौत को यूँ मत बुलाओ, कीमती है जिंदगी ।। 


उन सभी के दिल से पूछो, अपनों को जो खो दिए । 

गल्तियों से बाज आओ, कीमती है जिंदगी ।। 


आपदा का काल है ये, सावधानी से रहो । 

दोष मत सबके गिनाओ, कीमती है जिंदगी ।। 

                          ©  सरोज गुप्ता

टिप्पणियाँ

  1. बेहद मर्मस्पर्शी गज़ल 👌👌👌👏👏👏🙏

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