आपदा-काल © सरोज गुप्ता
दूर से रिश्ते निभाओ, कीमती है जिंदगी ।
पास सबके तुम न जाओ, कीमती है जिंदगी ।।
जब जरूरी काम ना हो, घर से बाहर मत रहो ।
मास्क को मुँह पर लगाओ, कीमती है जिंदगी ।।
भीड़ में जाओगे जो तुम, लाओगे घर आपदा ।
मौत को यूँ मत बुलाओ, कीमती है जिंदगी ।।
उन सभी के दिल से पूछो, अपनों को जो खो दिए ।
गल्तियों से बाज आओ, कीमती है जिंदगी ।।
आपदा का काल है ये, सावधानी से रहो ।
दोष मत सबके गिनाओ, कीमती है जिंदगी ।।
© सरोज गुप्ता
शुक्रिया आपका तुषार 🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंBahut Sundar rachna ma'am 🙏
जवाब देंहटाएंThank you so much 🙏🙏💐💐
हटाएंबहुत उम्दा🙏
जवाब देंहटाएंThank you so much 🙏🙏💐💐
हटाएंबेहद मर्मस्पर्शी गज़ल 👌👌👌👏👏👏🙏
जवाब देंहटाएंशुक्रिया डियर 🙏🙏💐💐
हटाएंबहुत सुंदर 👌👏
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका निशा जी 🙏🙏💐💐
हटाएं👌👌👏👏
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका🙏🙏🙏
हटाएंसादर आभार भाई🙏🙏
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