ग़ज़ल ©रानी श्री
नमन, माँ शारदे
नमन लेखनी
अनोखे शौक़ हैं जो भी जँचा वो चाहिए उनको,
हमें तो नाम तक मालूम ना जो चाहिये उनको।
न ऐसी चीज़ की ख़्वाहिश सजा कर जो सज़ा दे दे
अजी जो ठान लेते हैं ,मज़ा सो चाहिए उनको।
जिन्हे मालूम ही ना हो के मेहनत चीज़ ही क्या है ,
ज़रा पैसे उड़ाने का सुकूं तो चाहिए उनको ।
ज़माना नाचता फिरता रहे जिनके इशारों पर ,
रिवायत या रियायत ,ज़िद्द कह लो चाहिए उनको ।
यहां शेरों पे तारीफ़ें नहीं मिलती हमें रानी,
वहां तारीफ़ सारी एक ही को चाहिए उनको ।
©रानी_श्री
वाह क्या बात है!!! करारी गज़ल 💐
जवाब देंहटाएंकमाल की ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ग़ज़ल रानी जी🙏🙏
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