कोमल ©तुषार पाठक
वह मेरी कोमल सी सास है,
वह मेरी कोमल अहसास हैं।
उसकी आँखे है कोमल,
और उसका मन है कोमल,
उसका गुस्सा हैं कोमल सा,
उसकी अदाय है कोमल सी
उसकी आवाज़ है कोमल सी,
और उसका चेहरा हैं कोमल सा।
उसकी जुल्फे कोमल सी
और उसके मुस्कुराहट कोमल सा।
वह कोमल पंख की तरह हैं,
और उसकी आत्मा कोमल पुष्प की तरह,
उसका नाम है कोमल!
©तुषार पाठक
खूबसूरत भावपूर्ण रचना 🌹
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना💐
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना 💐
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्यारी रचना भैया 🙏🍃
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना भाई
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना 💐
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