पञ्चचामर छंद ©लवी द्विवेदी

 नमन, माँ शारदे

नमन, लेखनी 

छंद- पञ्चचामर

चरण- 4( समतुकांत) 

वर्ण- 16

मात्रा- 24

जगण रगण जगण रगण जगण+S

ISI SIS ISI SIS ISI S



प्रभू किशोरचंद्र वृंद वन्दना करूँ हरे, 

नमामि राधिका नमामि नंदना करूँ हरे। 

सुवर्ण भाँवती समेत कल्पना करूँ हरे, 

शिरोमणी हरी प्रणाम अर्चना करूँ हरे।


सुधा स्वरूप रूप श्याम वेणुधारि वृंद हैं, 

वही सुकाम नंदलाल व्योम प्रेम नंद हैं।

सनेह माधुरी वही प्रभा शुभा प्रकंद हैं, 

वही विराट शैल, वो प्रवाह मंद मंद हैं। 


नमामि वल्लभं नमामि माधवं हरी नमो, 

नमामि नंदनं नमामि केशवं हरी नमो। 

नमामि कृष्णकांत रूप राघवं हरी नमो,

नमामि प्रेमवृन्द श्याम अल्पवं हरी नमो।

©लवी द्विवेदी 'संज्ञा'

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत उत्कृष्ट, वंदनीय छंद सृजन। नमन है।

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  2. अत्यंत उत्कृष्ट पंचचामर छंद 🙏 जय श्री कृष्ण🙏🙏

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  3. अहो, बहुत सुंदर भाव, तथा अत्यंत सुंदर पंचचामर छंद सृजन, हरे कृष्ण ❣️✨🙏

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  4. Bahut sundar chand🙏🙏
    Jai shree krishna
    Radhe radhe🙏🙏🙏

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  5. अति उत्कृष्ट एवं स्तुत्य छंद सृजन, नमन ।💐

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