आ गये कैसे ©रानी श्री
वज़्न- 1222 1222 1222 1222
हमें परहेज़ सबसे थी, खबर में आ गये कैसै।
अभी तो रात पूनम थी,सहर में आ गये कैसे।
बहारें दूर से बस लौट आती छोड़कर जिसको,
ख़िज़ां में फूल ये देखो,शजर में आ गये कैसे।
किसी ने भी नहीं देखा, किसी को इश़्क फरमाते,
ज़माना ही बता दे फ़िर,नज़र में आ गये कैसे।
न थे उस्ताद ही ऐसे कि सबको मात दे दें हम,
ख़ुदा जाने,न जानें हम, असर में आ गये कैसे।
उन्हें तो गांव के दिन रात भाते थे कभी 'रानी',
कि अब तू देख ले उनको, शहर में आ गये कैसे।
~©रानी श्री
बहुत खूबसूरत💐
जवाब देंहटाएंवाह-वाह लाजवाब गज़ल 💐💐💐
जवाब देंहटाएंवाह बेहद खूबसूरत गज़ल👏👏👏💐💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर ग़ज़ल👌
जवाब देंहटाएंउम्दा ग़ज़ल👏
जवाब देंहटाएं