भाग मुनव्वर ©नवल किशोर सिंह
नीरस है यह बाग मुनव्वर।
चलो कहीं अब भाग मुनव्वर।1
घास फूस पर डाल किरासन,
सुलगा दे तब आग मुनव्वर।2
लाल रंग है कुर्बानी का,
कहकर खेलो फाग मुनव्वर।3
जन्नत के जिंदा पीरों का,
कैसा है यह राग मुनव्वर।4
शायद बोटी पर हैं ताले,
बोतल भी बिन झाग मुनव्वर।5
पट्टी डाले सोयी आँखें,
धुंध हटाकर जाग मुनव्वर।6
जीनेवाले बन हिंदुस्तानी,
रहते नित बेलाग मुनव्वर।7
-©नवल किशोर सिंह
Waah Sirji 👌👏
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार💐💐💐
जवाब देंहटाएंवाह👌👌
जवाब देंहटाएं👌🏼👌🏼
जवाब देंहटाएंबहुत खूब👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंवाह-वाह क्या कहने लाजवाब गज़ल 👌👌👌👏👏👏🙏
जवाब देंहटाएं🙏🙏
जवाब देंहटाएंजबरदस्त 💐💐💐
जवाब देंहटाएं😂😂👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻😊 बहुत खूब सर 🙏
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