बरसात की रात ©सरोज गुप्ता

 भीगते स्याह उस तरबतर रात में । 

वाह क्या बात थी उस मुलाकात में ।। 


बह गया दर्द ए दिल जो हमारा सनम । 

खो गए हम ओ तुम प्यार की बात में ।। 


बढ़ गई धड़कने सीने में जोर से । 

गरजे बादल गगन में जो बरसात में ।। 


वो तड़पती रही बिजलियाँ जोर से । 

रोशनी घर की गुल हो गई रात में ।। 


आसमां जो बरसता रहा मुख्तसर । 

भीगता मन रहा हाथ ले हाथ में ।। 


आज फिर खो गई बारिशों में सनम । 

आज तन्हा ये दिल रो रहा याद में ।। 


                               @सरोज गुप्ता

टिप्पणियाँ

  1. बेहद खूबसूरत बेहद रूमानी 👌👌👌👏👏👏

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