गीत- मधुमास ©रानी श्री
नमन, माँ शारदे
नमन, लेखनी
आधार छंद- विजात (मात्रिक)
चार चरण, प्रति चरण 14 मात्रा,
दो-दो चरण समतुकांत,
पहली व आठवीं मात्रा लघु अनिवार्य।
मिलन को मान भी जाओ,
तनिक मिलने चले आओ।
मचलते हम बजे सरगम,
सजा मधुमास का मौसम।।
करोगे आज आलिंगन,
यही विश्वास है साजन।
हृदय में चित्र अंकित है,
तुम्हारा प्रेम संचित है।
हृदय का आज हो संगम,
सजा मधुमास का मौसम।।
खुशी से झूमता तन-मन,
सुनहरा प्रेम मनभावन।
गगन में चांद तारे हैं,
लगे जैसे हमारे हैं।
नयन कर चार लो प्रियतम,
सजा मधुमास का मौसम।।
©रानी श्री
बेहद रूमानी खूबसूरत गीत है 😊🌹🌹
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट गीत ✨👏👏
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत💐
जवाब देंहटाएंअति सुंदर एवं सुमधुर गीत 💐
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत 👌👌
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