दीपावली ©गुंजित जैन

 अंधकार यह दूर हो, उज्ज्वल हो हर राह। 

मन के भीतर हो सदा, सुंदर ज्योति प्रवाह।। 


दीपों से जगमग रहे, अंतर्मन का द्वार।

सदा प्रज्ज्वलित हो धरा, सुखी रहे संसार।।


नष्ट सभी के बैर हों, होगा मेल मिलाप।

आई है दीपावली, दूर हुए संताप।।


हिय से मंगल कामना, हो सुख शांति समीप।

जीवन में हों आपके, खुशियों के नव-दीप।।


घर-घर में हो सर्वदा, माँ लक्ष्मी का वास।

शुभ हो यह दीपावली, गुंजित की है आस।।

©गुंजित जैन

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर दोहावली गुंजित

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  2. दीपावली की शुभकामनाएँ समाहित किये हुए अति सुंदर एवं सार्थक दोहावली 💐

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