लावणी छंद - मेरा नवभारत ©सौम्या शर्मा
नमन, मां शारदे
नमन, लेखनी
मेरा भारत संस्कारों की,
सर्वोत्तम परिभाषा है।
प्रगतिशील मेरा भारत जो ,
विश्व पटल की आशा है।।
चन्द्रयान को भेज चांद पर,
फिर परचम लहराया है।
जी-20की इस बैठक को,
सकुशल संपन्न कराया है।।
मेरा भारत वह भारत जो,
जग सिरमौर बनेगा फिर।
मेरा भारत वह भारत जो,
सुखद भविष्य लिखेगा फिर।।
मेरा भारत वह भारत जो,
नींव सुदृढ़तम रखता है।
विश्व शांति का पोषक लेकिन,
ध्येय विजय का रखता है।।
मेरा भारत वह भारत जो,
गौरव का परिचायक है।
मेरा भारत वह भारत जो,
विश्व नीति का नायक है।।
भारत अपना योग विश्वगुरु,
वेद पुराणों का दाता।
महा मिलन संस्कृतियों का यह,
हित रक्षक सबका सुखदाता।।
वसुधा को मान कुटुम्ब सदा,
वैक्सीन हमीं ने दान दिया।
विलग किसी को कब माने हम
, कभी नहीं अपमान किया।।
मेरे भारत की यशगाथा,
विश्व युगों तक गायेगा।
सकल विश्व में विजय पताका,
भारत का लहराएगा।।
©सौम्या शर्मा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर, छंदबद्ध देशभक्ति रचना।
जवाब देंहटाएंअति सुंदर एवं देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सृजन💐🇮🇳
जवाब देंहटाएं