गीत ©रानी श्री
मैं कहीं पर भी जाऊँ,
ख़ुद में ही तुझको पाऊँ।
तुझे ख़्वाबों में बसा कर,
तुझमें फना हो जाऊँ।
ये लबों की मुस्कराहट,
मेरी जां निकालती हैं ।
के वफ़ा की ये अदाएं,
मुझको संभालती हैं।
तू जो सामने खड़ा है,
मेरे होश मैं गवाऊँ।
तुझे ख़्वाबों में बसा कर,
तुझमें फना हो जाऊँ।
है सहर सा मेरे दिल के,
शब स्याह का सनम तू।
मेरे साथ जीने मरने,
की जो ले ले ये कसम तू।
तुझे पलकों पे सजाऊँ,
तुझे रूह में बसाऊँ।
तुझे ख़्वाबों में बसा कर ,
तुझमें फना हो जाऊँ।
©रानी श्री
बहुत सुंदर गीत रानी जी👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गीत दीदी👏
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रूमानी गीत 💐
जवाब देंहटाएंअत्यंत भावपूर्ण गीत, वाह❣️✨
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रूमानी गीत सृजन बेटा 🌺🌺🙏
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