छंद पंच चामर ©संजीव शुक्ला
दिया जले दिशा दिशा प्रकाश का प्रसार हो l
अनेक ज्योति पुंज एक भावना विचार हो ll
समस्त शक्ति राष्ट्र भक्ति संग जो अपार हो l
अवश्य राष्ट्र मुक्त... कष्ट से सभी प्रकार हो ll
सवाम सप्त कोटि कंठ वीरता हुँकार हो l
समूह शंखनाद.....विश्व भेदती पुकार हो ll
विभिन्न वेश जाति किंतु एक संसकार हो l
समस्त शक्ति साध लक्ष्य में कड़ा प्रहार हो l
विपत्ति आपदा विलुप्त हो व्यथा सँहार हो l
विनष्ट वेदना...... समूल आपदा निवार हो l
विलुप्त मेघ कष्ट के ....उछाह द्वार-द्वार हो l
मयंक राहु मुक्त हो.... विलुप्त अंधकार हो ll
© संजीव शुक्ला रिक्त
नमन लेखनी 🙏
जवाब देंहटाएंअवश्य राष्ट्र मुक्त कष्ट से सभी प्रकार हो🙏🙏 अत्यंत उत्कृष्ट पञ्चचामर छंद सृजन सर। नमन🙏
जवाब देंहटाएंअद्भुत छन्द सरजी🙏
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट एवं प्रभावशाली पंच चामर छंद सृजन 💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट पंचचामर छंद में भावपूर्ण देशगीत 🙏🌺
जवाब देंहटाएंसमूह शंखनाद विश्व भेदती पुकार हो....
जवाब देंहटाएंअहा...
अत्यंत पावन पंचचामर छंद सृजन सर जी, नमन 🙏🏻🍃🇮🇳