कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ©सरोज गुप्ता
यादों की खिड़की खोलूॅं तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।
बचपन की बातें बोलूॅं तो
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।।
वो बातें बड़ी निराली थीं,
नटखट सी प्यारी प्यारी थीं,
स्कूल की राहें लम्बी थीं
पर आज भी मन को भाते हैं।
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।।
इमली कमरख और कैथों का,
वो तेल से भरे अचारों का,
बॅंटवारा करते खानों का,
सौहार्द का पाठ पढ़ाते हैं।
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।।
एक दूजे के घर आ जाना,
घंटों बैठे बस बतियाना,
फिर लौट के बुद्धू घर आना,
वो सोच सोच मुस्काते हैं।
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।।
@सरोज गुप्ता
हृदय तल से आभार लेखनी 🙏🌺
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर गीत👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद 🙏🌹
हटाएंधन्यवाद आपका तुषार 🙏🌺
जवाब देंहटाएंअत्यंत मनहर, सुंदर यादों भरा गीत
जवाब देंहटाएंधन्यवाद गुंजित 🙏🌺
हटाएंअत्यंत भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी गीत 💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका डियर 🙏🌺
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