दोहा ©दीप्ति सिंह

 रे मन मन को मार के, बने न कोई काज ।

सबही भूल बिसार के, सुंदर बनता आज ।।


जीवन सुख दुख से बना, ये जीवन आधार ।

धीरज मन में राखिये, करिये सब स्वीकार ।।


 मन की निर्मलता रहे, बचे न कोई काँट ।

सुख दुख जो प्रभु से मिले, दीजै सबमें बाँट ।।


सुख में सब साथी बनें, दुख में छोड़ें हाथ  ।

रहिये प्रभु के आसरे,  सदा रहेंगे साथ  ।।


उर आनंद बसाइये, लीजै प्रभु का नाम ।

प्रभु के ही गुण गाइये, पूरन होंगे काम ।।


©दीप्ति सिंह 'दीया'

टिप्पणियाँ

  1. प्रभु के ही गुण गाइए...पूरन हो सब काम... 🙏 नमन। उत्कृष्ट दोहावली

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  2. अत्यंत सुन्दर दोहावली दीदी।

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  3. अत्यंत उत्कृष्ट एवं सार्थक दोहावली डियर 🌺🙏

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  4. सुख दुखः जो प्रभु से मिले डीजे सबमे बाँट

    अत्यंत सुंदर दोहावली मैम💐🙏

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  5. बहुत सुंदर दोहावली
    नमन 🙏🙏

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