दोहाग़ज़ल - गुरु ©संजीव शुक्ला

नमन, माँ शारदे 

नमन, लेखनी 


गुरू कृपा से ज्ञान है,     आशिष शुभ वरदान l

प्रथम पूज्य गुरु पद कमल,सदा राखिये ध्यान ll


बुद्धि, ज्ञान, सत्कर्म पथ, सद्गति का संकाय,

सदा शरण में राखिए ,गुरुवर कृपा निधान ll


लोभ, मोह, छल, छिद्र, तम, पथ भ्रम जीवन मार्ग,

गुरू कृपा से हों सकल, कष्ट तिमिर अवसान ll


गुरुवर की आशिष सघन, कल्पवृक्ष की छाँव,

गुरू कृपा रक्षा कवच,    जननी अंक समान ll


इष्टदेव, गुरुदेव तव,        कृपा बिना यदुनाथ,

परम् मूढ़ मतिमंद जड़, 'रिक्त' ग्रसित अज्ञान ll

©संजीव शुक्ला 'रिक्त'

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत उत्कृष्ट, सार्थक और प्रेरणादायक दोहावली सर जी🌹🌹🌹🌹

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  2. अत्यंत उत्कृष्ट एवं सार्थक दोहावली, नमन ।

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  3. अत्युत्तम, भावपूर्ण दोहाग़ज़ल सर। नमन।

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  4. अत्यंत उत्कृष्ट भावपूर्ण दोहावली भाई 🙏🙏💐💐

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  5. उम्दा दोहवाली सरजी🙏🙏👌

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