कविता- प्रार्थना ©सूर्यम मिश्र

नमन, माँ शारदे 

नमन लेखनी



हे देवता स्वामी प्रभो,

नित शांति का वरदान दो।

छल दंभ मन से दूर कर, 

उर को प्रकाशी ज्ञान दो।।


नित शक्ति का संचयन हो,

हो क्षीण मन से भीरुता।

करुणा, दया, तप, त्याग दो,

सुचरित्रता का भान दो।। 


उन्माद मन के मेट सब,

भर दो सुसंयम साधना।

सत आचरण हो कार्य में,

आराधना का दान दो।।


उल्लास लेकर हास का,

प्रभु कष्ट को कर लूँ सहन।

निःशुल्क देना कुछ नहीं,

उद्योग को बस मान दो।।


हर वेदना हर लो विधाता,

भ्रांत उर को शांत कर।

इस दीन जन को हे प्रभो,

निज चक्षु में स्थान दो।।


©सूर्यम मिश्र

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत प्रभावशाली एवं प्रेरक स्तुति 💐🙏🏼

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  2. अत्यंत उत्कृष्ट प्रभु में लीन रचना

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  3. बहुत अच्छी रचना

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  4. अत्यंत उत्कृष्ट, सार्थक स्तुति भैया

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  5. सुंदर उत्कृष्ट प्रार्थना भ्राता 🙏🙏❤️❤️ अनुज शुक्ल "अक्स"

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  6. बहुत अच्छी कविता 😍

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  7. बहुत सुंदर कविता 😍

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  8. अत्यंत उत्कृष्ट एवं भावपूर्ण स्तुति बेटा 🌺🌺🙏

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  9. बहुत सुंदर कविता भाई👌👌

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  10. अत्यंत उत्कृष्ट 🙏🌺

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