हिंदी ©गुंजित जैन
हिंदी का पूजन करें, कर हिंदी का त्राण।
हिंदी से ही प्राण हैं, हिंदी बिन निष्प्राण।।
हिंदी से हैं हम सभी... हिंदी ही पहचान।
हिंदी से मसि यह चले, हिंदी बिन वीरान।।
घटती हिंदी देश से, इसका करें बचाव।
हिंदी प्रतिदिन छोड़ती , मन पर अमिट प्रभाव।।
लुप्त न हो जाए कहीं, इसको रखो सँभाल।
हिंदी की रक्षा करो, बना समसि को ढाल।।
हिंदी को जीवित करें , मिलकर करें विचार।
गुंजित जीवन प्राण का, हिंदी ही आधार।।
©गुंजित जैन
अहो, हिंदी के महत्व को उजागर करती, अत्यंत सुंदर रचना❣️✨
जवाब देंहटाएंसादर आभार भाई जी, नमन।
हटाएंहिंदी भाषा के उत्थान के लिए अत्यंत उत्कृष्ट रचना बेटा 👌👌👌💐💐💐🙏🙏
जवाब देंहटाएंसादर आभार मैम, नमन।
हटाएंसादर आभार लेखनी, नमन।
जवाब देंहटाएंमाँ हिंदी की अद्भुत स्तुति, अप्रतिम, अतिरम्य 🙏
जवाब देंहटाएंसादर आभार भाई जी, नमन।
हटाएंमाँ पर अद्भुत रचना🙏🙏
जवाब देंहटाएंमाँ हिन्दी पर अद्भुत रचना🙏🙏
हटाएंसादर आभार भाई जी, नमन।
हटाएंमातृभाषा हिंदी को समर्पित अत्यंत उत्कृष्ट एवं प्रभावशाली दोहावली 💐
जवाब देंहटाएंसादर आभार मैम, नमन।
हटाएंमातृभाषा हिंदी पर बहुत सुंदर दोहावली
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