गुमशुदा ©सम्प्रीति
जब-जब तुम्हें याद करुँ तो टिमटिमा देना बस,
लगेगा जैसे साथ ही हो तुम बिलकुल मेरे पास,
चलो ये भी मान लूँगी कि रात में दिखते हो,
दिन भर काम करके रात को ही लौटते होंगे शायद,
अच्छा..जब तुम्हें याद करके रोने लगूं,
तो रोने मत देना,हाँ पर टूट भी मत जाना,
तुम जहाँ हो अब वहाँ से नहीं खोना चाहती तुम्हें,
बस एक बार की जगह दो बार टिमटिमा देना,
मैं हँस दूँगी,देखकर तुम भी हँस देना,
इन्तज़ार दिन भर करती हूँ कहीं बादलों के पीछे छिप ना जाना,
मेरे साथ रहकर मेरी हर रात को यादगार बनना,
अच्छा सुनो...
मैं जब भी तुम्हें याद करुँ तो टिमटिमा देना बस,
लगेगा जैसे साथ ही हो तुम बिलकुल मेरे पास।
-©सम्प्रीति
समस्त लेखनी परिवार को तहदिल से धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंBahut sundar Didi 👌👌
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण 💐
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना
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