स्वतंत्रता महोत्सव ©प्रशांत
हरा, सफेद, लाल रंग ले अशोक चक्र संग, राष्ट्र की ध्वजा त्रि-रंग डोलती ।
हिलोर ले रही तरंग , अंग-अंग अंतरंग, देशप्रेम की उमंग घोलती ।
भविष्य, भूत, वर्तमान, लोकतंत्र, संविधान, हिंद आन बान शान चूम के ।
सुनें वसुंधरा, वितान, बाल, वृद्ध, नौजवान गा रहे स्व-राष्ट्रगान झूम के ।
सदैव जो रही अजीत, ईश की धरा पुनीत, प्रेम-रीत विश्व को सिखा रही ।
कुबुद्ध युद्ध हार, जीत से अभीत हो विनीत गीत प्रीत के महान गा रही ।
स्वतंत्र देश के विशेष पर्व का हुआ प्रवेश, देशभक्ति का निवेश कीजिए ।
'प्रशांत' हो रहे प्रदेश, लेश-मात्र हो न द्वेष, यों नवीन श्रीगणेश कीजिए।
~©प्रशांत
अत्यंत प्रभावशाली एवं सटीक देशभक्ति गीत 💐💐💐🇮🇳
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट अद्भुत छंद उत्कृष्ट शब्द संयोजन भाई जी ।
जवाब देंहटाएंनमन 🙏
उत्कृष्ट शब्दों से सुसज्जित अत्यंत भावपूर्ण, ओजपूर्ण देशभक्ति गीत बेटा 🙏🙏❤❤❤🇮🇳🇮🇳🇮🇳💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंदेशभक्ति के स्तुत्य भावों से सुसज्जित उत्कृष्ट, दुर्लभ छंद सृजन🙏
जवाब देंहटाएंNaman Sirji apke iss deshbhakti geet ko🙏🙏 adbhut 💕
जवाब देंहटाएंस्तुत्य गीत, जय हिन्द 🙏🇮🇳🇮🇳
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