तेरी याद ©सरोज गुप्ता
यार जब तुझको याद करते हैं,
तेरे जलवों की झलक हर तरफ़ बिखरते हैं ।
जान देते हैं आज भी तुम पर,
जाने जां बात यही कहते हुए डरते हैं ।
मेरी आदत नहींं गई अब तक,
तुझसे ख़्वाबों में रोज शामों-सहर मिलते हैं ।
ज़िक्र जब भी तेरा कहीं होता,
बीते लम्हों से हम-ख़्याल हो गुज़रते हैं ।
दिल में तुम अब भी मुस्कुराते हो,
अश़्क पलकों पे सनम अब नहींं ठहरते हैं ।
तेरी यादों में लिखने बैठूँ जो,
लफ़्ज़ फ़ूलों की तरह बेशुमार झड़ते हैं ।
©सरोज गुप्ता
धन्यवाद तुषार बेटा 🙏😊🌺
जवाब देंहटाएंवाह मैम
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बेटा 🙏😊🌺
हटाएंवाह्ह्ह्ह्ह.......भावपूर्ण नज़्म
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बेटा 🙏😊🌺
हटाएंबहुत ही खूबसूरत रचना मैम
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏😊🌺
हटाएंबहुत खूबसूरत🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद गुंजित 🙏😊🌺
हटाएंBahut sundar rachna ma'am 👌👌
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत बेहद रूमानी 💐💐💐🙏🏼
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