तेरी याद ©सरोज गुप्ता

 यार जब तुझको याद करते हैं, 

तेरे जलवों की झलक हर तरफ़ बिखरते हैं ।


जान देते हैं आज भी तुम पर,

जाने जां बात यही कहते हुए डरते हैं ।


मेरी आदत नहींं गई अब तक, 

तुझसे ख़्वाबों में रोज शामों-सहर मिलते हैं । 


ज़िक्र जब भी तेरा कहीं होता, 

बीते लम्हों से हम-ख़्याल हो गुज़रते हैं । 


दिल में तुम अब भी मुस्कुराते हो, 

अश़्क पलकों पे सनम अब नहींं ठहरते हैं । 


तेरी यादों में लिखने बैठूँ जो, 

लफ़्ज़ फ़ूलों की तरह बेशुमार झड़ते हैं ।


©सरोज गुप्ता

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कविता- ग़म तेरे आने का ©सम्प्रीति

ग़ज़ल ©अंजलि

ग़ज़ल ©गुंजित जैन

पञ्च-चामर छंद- श्रमिक ©संजीव शुक्ला 'रिक्त'