हिंदी प्रसारण ©प्रशान्त

 पठन-पाठन, सृजन, लेखन , श्रवण, गायन किया जाए l

यथासंभव समय 'हिंदी', प्रसारण को दिया जाए l


सनातन गीत-गायन हो , नवल कविता विधायन हो l

पुरातन मातृभाषा का , निरन्तर सोम-पायन हो l

विविध छंदों, अलंकारों , विधानों के जलाशय में  , 

भिगोकर भावनाओं के रसायन को पिया जाए l


कहानी, जीवनी , नाटक,  कथाओं, संस्मरणों में l

उपन्यासों , समीक्षाओं , निबंधों, उद्धहरणों में l

महाग्रंथों व पत्रों में, समाहित मातृभाषा के , 

विवेचन, शिल्प-निर्धारण , सुलेखन को जिया जाए l


जहाँ सम्मान भाषा का , वहीं वासी विधाता है l

नमन उस मंच को जिस पर , व्यवस्थित लेख आता है l

समय की भांति अक्षुण्ण हो , सदा अस्तित्व हिंदी का , 

शपथ परिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित कर लिया जाए l


पठन-पाठन, सृजन, लेखन , श्रवण, गायन किया जाए l

यथासंभव समय 'हिंदी', प्रसारण को दिया जाए l


©प्रशांत

टिप्पणियाँ

  1. सुंदर,मनहर सृजन 💐💐💐💐💐💐

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  2. अत्यंत उत्कृष्ट सार्थक संदेशप्रद सृजन 🙏🙏💐💐💐

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  3. अति सुंदर एवं सार्थक गीत सृजन 💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं

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