मइया की लीला ©सरोज गुप्ता
छवि माँ की अद्भुत पलक ना समाय ।
मइया की लीला सुनाई न जाय ।।
महिष यातना से, हुआ विश्व आहत,
मनुज, देव सारे किये माँ से मन्नत ।
किया युद्ध माता ने,नौ दिन निरंतर,
हुए रक्त रंजित धरा और अंबर ।
महिष मर्दिनी अम्बिका माँ कहाय ।।
मइया की लीला सुनाई न जाय ।।
रकतबीज का रक्त पी खड्गवाली,
किया नाश अरि का बनी मात काली ।
निशुम्भ-शुम्भ संहार, चंड मुंड मारी,
असुर का किया वध, जगत मात तारी ।
जगत तार जगदम्ब लीला दिखाय ।।
मइया की लीला सुनाई न जाय ।।
नवल रात्रि में नित्य जो भक्त ध्याता,
सभी सुख जगत के सहज व्यक्ति पाता ।
सभी कष्ट बाधा मेरी मात हरती,
मनोकामना पूर्ण सब मात करती ।
सदा अपनी छाया में रखती छुपाय ।।
मइया की लीला सुनाई न जाय ।।
©सरोज गुप्ता
बहुत सुंदर वर्णन मैम
जवाब देंहटाएंजय माता दी🙏🙏🙏
धन्यवाद आपका डियर 🙏🙏 जय माता दी 🙏🙏💐💐
हटाएंसुंदर भक्ति रचना 🙏
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आपका भाई 🙏🙏💐💐
हटाएंअति सुंदर एवं मनमोहक स्तुति 💐💐💐💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका डियर 🙏🙏💐💐
हटाएंअत्यंत अद्भुत रचना मैम,...👏👏🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका सूर्यम 🙏🙏💐💐
हटाएंअत्यंत मनहर🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका गुंजित 🙏🙏💐💐
हटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आपका तुषार 🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंनमन है... सुंदर भक्तिपूर्ण रचना.... जय माता दी.... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जवाब देंहटाएंJai ho
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर maam 👌👌
जवाब देंहटाएंजय माता दी 🙏🙏
बहुत सुंदर 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐
जवाब देंहटाएं