परिचय ©अनिता सुधीर

 अपना परिचय लिख रही,दोहों में ही आज ।

दो अक्टूबर जन्म है,लकी नाम है राज ।।


जन्म नवाबों के शहर ,माता शीला नाम ।

प्रथम सुता रविन्द्र की ,जन्मी उनके धाम ।।


अनिता की पहचान है ,विद्यालय का नाम ।

शास्त्र रसायन से मिला,जीवन को आयाम ।।


शोध क्षेत्र औषधि रहा ,शौक रहा विज्ञान ।

गहराई में डूब के, किया पूर्ण अभियान ।।


शुभ बंधन है प्रीत का, पति का नाम सुधीर।

दो संतति के रूप में,जीवन रंग अबीर ।।


जीवन की जब साँझ में ,लगा व्याधि अरु रोग।

पृष्ठ किये रंगीन तब ,मिला कलम का योग ।।


ज्ञान नहीं लय शिल्प का,पता न मात्रा भार ।

छन्द सृजन कैसे करें , नहीं शब्द भंडार।।


अल्प आयु की है कलम, आख्या अब उपनाम ।

यात्रा मंगल दायिनी, आये नहीं विराम ।।


साथ मिला साहित्य का, मिला नया परिवार।

दोहा लिख सम्मान में, प्रकट करें आभार ।।


सत्य मार्ग का अनुसरण, जीवन का सिद्धांत।

विद्या उत्तम दान कर, पूर्ण करे वृत्तांत ।।


©अनिता सुधीर आख्या

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